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लेखनी प्रतियोगिता -22-Aug-2022



समय का मोल समझ
ऐसे तू आराम न कर
जिंदगी है बड़ी अच्छी
इसे बदनाम न कर।

अपने हाथों का हुनर
से जरा मेल तो कर
ये जवानी भी लालटेन 
है कुछ तेल तो भर
जरा सी छांव के लालच
में रुक के शाम न कर
ये जिंदगी बड़ी अच्छी
इसे बदनाम न कर।।

अपने सपनों को बुला
कोई तो संकेत करो
है इंतज़ार में मंजिल भी
चलो भेंट करो
अपने गुजरे हुए कल पे
अब इल्जाम न कर
तेरा मकसद तुझे मिल जाएगा
आराम न कर।



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20 Comments

Chetna swrnkar

24-Aug-2022 12:24 PM

Nice

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Achha likha hai aapne 🌺🙏

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Mithi . S

23-Aug-2022 01:35 PM

Nice

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